मजदूरों की कठिनई को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार !
नई दिल्ली:- सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को देश के कई राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों की कठिनाई को देखते हुए । इस संकट को कम करने के लिए किये गए अपर्याप्त उपाय का पूरा ब्यौरा मागा साथ ही जिम्मेदार भी ठहराया, सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र से गुरुवार तक जवाब देने को कहा है, तब वह इस मामले की सुनवाई करेगा।
हम उन प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और दुखों का संज्ञान लेते हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए थे। अखबार की रिपोर्ट और मीडिया रिपोर्ट लगातार कहते रहे। कि लंबी दूरी से पैदल और साइकिल पर आने वाले प्रवासी मजदूरों की दुर्भाग्यपूर्ण और दयनीय स्थिति दिखाई दे रही है,
शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र और राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकार की ओर से खामियां हैं और प्रवासी मजदूरों को "यात्रा, आश्रय और भोजन" प्रदान करने के लिए तत्काल उपाय किए जाने की आवश्यकता है। इसमें कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों का संकट आज भी जारी है, जो अभी भी सड़कों, राजमार्गों, रेलवे स्टेशनों और राज्य की सीमाओं पर फंसे हुए हैं।
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2 Comments
जय जवान जय किसान जैसे नारा लगाने वाले देश में आज भारतीय राजनीति इतनी ओछी हो गई है लगता है जैसे सत्ता और विपक्ष के बीच अरोप प्रत्यारोप का दोर चल उठा है परंतु इन सब के बीच उस मजदूर की मजबूरी कोई समझना ही नहीं चाहता जिसने आधुनिक युग के निर्माण में अपना ऐहम योगदान दिया है मजदूरो की बेबसी पर चंद शब्द "शहर में मज़दूर जैसा दर-ब-दर कोई नहीं
ReplyDeleteजिस ने सब के घर बनाए उस का घर कोई नहीं"
Ye baat shi hai....
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